
“बात पर्यावरण न्याय की हो” शीर्षक से छपे लेख में डॉ हरीश चंद्र बर्णवाल ने अपने लेखन की एक अलग ही छाप छोड़ी। लेखक और पत्रकार डॉ हरीश चंद्र बर्णवाल ने बताया कि कैसे पर्यावरण पर प्रधानमंत्री मोदी के दर्शन को लेकर दुनिया में एक आशा की किरण जगी है और विश्व को उम्मीद है कि पर्यावरण सुरक्षा को लेकर एक नई सुबह का आगमन भारत से ही होगा। नवोत्थान पत्रिका के अगस्त अंक में ये लेख प्रकाशित किया गया।
Leave a Reply