
वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार हरीश चंद्र बर्णवाल की किताब ‘टेलीविजन की भाषा’ ने कामयाबी की नई मिसाल कायम की है। टेलीविजन जगत के दिग्गज पत्रकारों, पेशेवर मीडियाकर्मियों और पत्रकारिता के छात्रों की मांग की वजह से किताब का पहला संस्करण हाथों हाथ बिक गया। ऐसे में हिन्दी में पहली बार महज चार महीने के भीतर किसी किताब का नया संस्करण छापने की नौबत आई है।
पुस्तक के संदर्भ में और जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक क्लिक करें
http://www.srijangatha.com/Halchal20AprHAlchal#.V9TFSRKShp8
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